शिक्षक दिवस
1- शिक्षक दिवस
गुरु देता सद्ज्ञान है,हर लेता अज्ञान।
पावन पारस मंत्र दे,गढ़ता दिव्य सुजान।।
काया को कंचन करत, मन को निर्मल साफ।
गुरु ही परम विरंचि है, करता शिशु को माफ।।
बड़े भाग्य से गुरु मिलत, रहत शिष्य के संग।
सदा पिलाता शिष्य को, सहज ज्ञान का भंग।।
ज्ञान गंग में स्नान कर,होता शिष्य विशिष्ट।
गुरु की कृपा बिना मनुज, रहता सदा अशिष्ट।।
गुरु में छिपे त्रिदेव हैं, ब्रह्मा विष्णु महेश।
गुरु को दिल से जान लो, वही परम दिव्येश।।
गुरु सेवा से शिष्य को, मिलता पावन वेश।
सारे जग को शिष्यगण, देते शुभ सन्देश।।
सद्विवेक का जागरण, करता गुरु आसान।
गुरु को खोजो रात-दिन, सच्चा गुरु पहचान।।
गुरु के ही सम्मान में, छिपा आत्म सम्मान।
गुरुवर की पूजा करो, छोड़ दर्प-अभिमान।।
Renu
23-Jan-2023 04:56 PM
👍👍🌺
Reply